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IIT वैज्ञानिकों का कमाल, प्याज के छिलके बनाएंगे बिजली

शरीर की हलचल से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा पर्यावरण के लिए भी होगी अनुकूल

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 19 Dec 2017 11:40 AM (IST)
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IIT वैज्ञानिकों का कमाल, प्याज के छिलके बनाएंगे बिजली

नई दिल्ली (प्रेट्र)। आइआइटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने प्याज के छिलके से एक ऐसा सस्ता उपकरण बनाया है जो शरीर की हलचल से स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। इससे पेसमेकर, स्वास्थ्य पर नजर रखने वाली ‘स्मार्ट’ गोलियों और शरीर पर धारण करने योग्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ऊर्जा मिल सकती है। रिसर्चरों का कहना है कि यह उपकरण प्याज के छिलके के पीजोइलेक्ट्रिक गुणों का प्रयोग करता है। यह जैविक दृष्टि से स्वयं क्षरित हो जाता है और पर्यावरण के लिए अनुकूल है। 

पीजोइलेक्ट्रिक पदार्थ में रोजमर्रा की यांत्रिक हलचल की ऊर्जा को बिजली में बदलने की क्षमता होती है। आइआइटी खड़गपुर के प्रोफेसर भानुभूषण खटुआ का कहना है कि इस नायाब और किफायती उपकरण से आम आदमी भी किसी भी परिस्थिति में बिजली उत्पन्न कर सकता है। तेजी से बढ़ रही आबादी, औद्योगिकीकरण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहनों के अंधाधुंध उपयोग से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

रिसर्चरों का कहना है कि जीवाश्म आधारित ईंधनों पर बढ़ते हुए बोझ और प्राकृतिक संसाधनों में गिरावट को देखते हुए स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए वैकल्पिक टेक्नोलॉजी विकसित करना बहुत जरूरी हो गया है। पीजोइलेक्ट्रिक पदार्थ शरीर की साधारण हलचल को स्वच्छ ऊर्जा में तब्दील कर सकता है और इससे वातावरण प्रदूषित नहीं होता, लेकिन इस तरह की बिजली के उत्पादन के लिए पीजोइलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर बनाना बहुत मुश्किल है। ऐसे उपकरण अक्सर बहुत महंगे भी पड़ते हैं। ये उपकरण बहुत ज्यादा विषाक्त होते हैं या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी वजह से वास्तविक जीवन में इनका प्रयोग सीमित है।

इन खामियों को दूर करने के लिए आइआइटी खड़गपुर और दक्षिण कोरिया की पोहांग यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने नए किस्म के पीजोइलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर विकसित किए जो विषाक्त नहीं हैं और जैविक दृश्य से खुद क्षययोग्य हैं। रिसर्चरों ने अनुमान लगाया है कि वर्तमान टेक्नोलॉजी से इस तरह के उपकरण बनाने का खर्च एक रुपये से भी कम आएगा। इससे आर्थिक रूप से पिछड़े लोग भी इस उपकरण का उपयोग कर सकेंगे।

यह उपकरण बनाने के लिए आइआइटी के रिसर्चरों ने प्याज के छिलके पर पहले सोने की परत चढ़ाई और इसके पश्चात उन्होंने चांदी के पेस्ट के साथ तांबे के तार इसमें सम्मिलित किए। यह नैनोजेनरेटर कई तरह की यांत्रिक ऊर्जाओं को बिजली में बदलने सक्षम है, जिनमें शरीर की हलचल, हवा का प्रवाह और मशीनों का कंपन शामिल है। नैनो एनर्जी पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार रिसर्चरों द्वारा विकसित उपकरण 18 वोल्ट बिजली पैदा करता है, जो 30 एलईडी बत्तियों को ऑन कर सकती है। 

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